Saturday, 6 April 2019

Islamic hadees in hindi (आज हर घर मे मुसीबतो कि आग क्यो लगी है?)


Islamic hadees in hindi


मेरे आका सलल्लाहु अलैही वसल्लम कि एक हदीस है जो कि बुखारी शरीफ मे मोजुद है। एक मर्तबा का वाकिया हे अल्लाह के हबीब, मेरे और आपके आका, सलल्लाहु अलैही वआलिही वसल्लम इर्शाद फरमाते है। मेरा दिल ये चाहता हे कि मे किसी को कहु वो अजान दे और किसी को कहु कि वो नमाज पढा दे। में मदिने कि गली कुचो मे निकल जाऊ और उन घरो को आग लगा दु जिस घरो के लोग मस्जिद मे नमाज पढने ना आए। आका फरमाते हे उन घरो को आग लगा दु जिस घरो के लोग मस्जिद मे नमाज पढने ना आए हो। यानी आका उनके घरो को आग लगाना चाहते है। जिस घर के लोग मस्जिद मे नमाज पढने के लिए नही आये हो। 

 Best Islamic Pictures

Best Islamic Pictures


मेरे आका सलल्लाहु अलैही वसल्लम के दिवानो इस हदीस को समझने के लिए हमे दुसरी हदीस को देखना होगा। आका फरमाते हे मेरा दिल ये चाहता है उनके घरो को आग लगा दु जिस घरो के लोग मस्जिद मे नमाज पढने ना आए हो। इसका क्या मतलब हे? 

उम्मुल मोमिनिन अम्मा जान आयशा सिद्दीका सलामुल्लाहा अलैहा इर्शाद फरमाती है कि मे देखती हु कि अल्लाह अपने नबी कि चाहत को पुरा करने मे बहोत जल्दि करता है। बहोत उजलत से काम लेता हे। यानि नबी जो चाहते हे अल्लाह ताआला उसको फोरन पुरा कर देता है। जेसे मिसाल के तोर पर हुजुर ने चाहा कि किबला बदल जाए तो अल्लाह ने किबला बदल दिया। बल्कि केसे बदला। 

हुजुर ने चार रकात कि नियत की है। आका अलैही सलाम ने चार रकात कि नियत करके निगाहे आसमान की तरफ उठायी फिर निचे किया और फिर उठायी फिर निचे किया। अभी दो रकात मुकम्मल हुई थी और दो रकात बाकी थी। अल्लाह ने जिबरील से कहा। जिबरील सिदरा पे रहने का वक्त नही है। मेरा हबीब निगाहे आसमान की तरफ उठा रहा है जाओ और कहो कि किबला बदला जाता है। अल्लाह तेरी नमाज तो पुरी होने दे तो कुदरत का मुनादी आवाज देगा। बंदो अब खुदा की नमाज बाद मे मुकम्मल होगी पहले महबुब कि चाहत पुरी कि जायेगी। (अल्लाहु अकबर) 

मेरे आका अलैही सलाम के दिवानो ये अपने नबी कि शान हे। उम्मुल मोमिनीन फरमाति है। अल्लाह अपने महबूब कि चाहत को पुरा करने मे बहोत जल्दी करता है।

अब हुजुर फरमाते हे में ये चाहता हूँ उनके घरो को आग लगा दु जिस घरो के लोग मस्जिद मे नमाज पढने के लिए ना आए। हुजुर ने चाहा, लेकिन उन्होने आग नही लगाई। वो रहमुतुल-लिलआलमिन है। वो आग लगाने नही आग भुजाने आए थे। वो तो आग मे बाग लगाने आए थे। लेकिन हुजुर ने फरमाया मेरा दिल ये चाहता है जिस घर के लोग मस्जिद मे नमाज के लिए नही आए, मे उन घरो को आग लगा दुँ। 

हुजुर ने चाहा और अल्लाह महबुब कि चाहत को पुरा करने मे बहोत जल्दि करता है। हुजुर ने चाहा आग लगाना और अल्लाह ने आग लगा दी। 

जल रहे है घर आग दिखती नही जलते सब है। बाप बेटे मे नही जमती ये आग नही तो और क्या है। बेटा बाप को आंखे दिखा रहा है ये आग नही तो और क्या है। बेटा बुढे माँ बाप को छोड कर भाग रहा है ये आग नही हे तो और क्या है। बेटियो के लिए अच्छे रिश्ते नही आते ये आग नही तो और क्या है। लाखो कमा रहे हे लेकिन बरकत नही हे ये आग नही हे तो और क्या है। बिस्तरो पर करवटे बदल रहे हे सुकुन कि निंद नही आती ये आग नही तो और क्या है। 

इस आग को भुजाने का तरीका यही है कि तुम अल्लाह की बारगाह मे सजदे करके नबी की आंखो मे ठंडक पहुँचाओ। अल्लाह तुम्हारे घरो की आग को भुजा देगा।

Please Share Islamic hadees in hindi Post With Your Friends And Family.

To Join Our Islamic hadees in hindi Group Subscribe Us Through E-Mail.