Saturday, 27 April 2019

Five Pillars Of Islam (Complete Article)


Five Pillars Of Islam


रशुलल्लाह सलल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि इस्लाम कि बुनियाद 5 चीजो पर कायम कि गयी है।

  1. अल्लाह और उसके रशुल (मुहम्मद सलल्लाहु अलैही वसल्लम) कि गवाही देना।
  2. नमाज पढना।
  3. रमजान शरीफ के रोजे रखना।
  4. जकात देना।
  5. हज करना।

Shahadah (Five Pillars Of Islam)


1.   अल्लाह और उसके रशुल कि गवाही देना। इस्लाम कि सबसे पहली बुनियाद अल्लाह और उसके रशूल कि गवाही देना है कि अल्लाह एक है। अल्लाह का कोई माबुद नही और सलल्लाहु अलैहि वसल्लम अल्लाह के नबी है।

ला ईलाहा ईलल्लाह मुहम्मदुर्र रशुलल्लाह

तर्जुमा – अल्लाह एक है और मुहम्मद सलल्लाहु अलैहि वसल्लम अल्लाह के नबी है।

Namaz (Five Pillars Of Islam)


2.   Namaz कायम करना  इस्लाम कि बुनियादो मे से यह भी एक हिस्सा है। जिसमे ईमान वालो को हुक्म दिया गया है कि प्रत्येक दिन पांच बार  Namaz पढना। पाँच वक्त कि  Namaz मुसलमानो पर फर्ज है।

रशुलल्लाह सलल्लाहु अलैही वसल्लम ने फरमाया जिसने एक वक्त की  Namaz भी जानबुझ कर छोड दि वो कुफ्र कि हद तक चला गया।

Fajr      –   सूर्योदय से पहले

Zuhr     –   दोपहर का तीसरा पहर (लगभग 1:45 बजे)

Asr      –   देर दोपहर (लगभग 5:30 बजे)

Maghrib  –   सूर्यास्त पश्चात

Isha      –   रात

5-Pillars-Of-Islam

नमाज़ पढ़ने की कुछ शर्तें

Namaz पढने से पहले वुजु करना जरूरी है और अगर वुजु पहले कि हो तो भी नमाज पढ सकता है। शर्त ये है कि पहले कि गयी वुजु अभी भी मुकम्मल हो। पहले कि हुई वुजु अभी भी बरकरार हो। और अगर शरीर पाक ना हो तो गुस्ल करना जरूरी है।

Namaz  काबा की तरफ रूख करके ही पढी जाती है।

Namaj Ki Niyat  नमाज के लिये जरूरी है।

Namaz Rakat

5-Pillars-Of-Islam


Roja (Five Pillars Of Islam)


3.   रोजा रखना   रमजान शरीफ के रोजे रखना भी इस्लाम कि बुनियाद का एक हिस्सा है। पाँच बुनियादो मे से एक बुनियाद रमजान के रोजे रखना है। जिसमे इंसान सुबह फर्ज नमाज से पहले खा सकता है जिसे सेहरी कहते है।

और मगरिब कि नमाज कि अजान के साथ वो रोजा इफ्तारी कर सकता है। इंसान फर्ज नमाज कि अजान के बाद मगरिब कि नमाज के अजान तक कुछ भी नही खा सकता और ना ही कुछ पी सकता है।

Zakat ( Five Pillars Of Islam)


4.   Zakat हर मुसलमान मर्द और औरत पर फर्ज है। Zakat इस्लमिक बुनियाद का एक हिस्सा है जिसमे अगर कोई इंसान साहिबेनिसाब है तो उस पर  Zakat फर्ज है।

Zakat हर साहिबेनिसाब पर फर्ज है चाहे वो मर्द हो या औरत। जिसके पास 52.50 तोला चांदी या 7.50 तोला सोना हो वो साहिबेनिसाब है। लेकिन जिस वक्त ये निसाब बयान किया गया था। उस वक्त चांदी और सोने कि किमत बराबर थी।

7.50 तोला सोने कि जितनी किमत थी उतनी ही किमत 52.50 तोला चांदी कि थी। दोनो किमत के ऐतबार से बराबर बराबर थे। लेकिन इस दोर में सोना का मुल्य बहोत ही ज्यादा बढ गया और चांदी कि किमत सोने के बनिसबद बहोत कम है।

तो दो में से अगर एक भी निसाब पुरा हो जाता है यानि मिसाल के तोर पर चांदी का निसाब 52.50 तोला है तो 52.50 तोला का निसाब अगर उसके पास हो जाता है तो वो साहिबेनिसाब कहलाता है। अगर किसी के पास 52.50 तोला चांदी हो या फिर जब भी जकात निकाली जाए उस वक्त 52.50 तोला चांदी जितने रुपय (करंसी) हो तो उस पर जकात फर्ज है।

या फिर किसी के पास कुछ (माना 1 तोला) तोला सोना है और कुछ रुपय मोजुद है तो अगर ये दोनो मिल कर 52.50 तोला चांदी खरिदने जितने रुपय हो जाये तो उस पर भी  Zakat वाजिब है।  

अब 52.50 तोला कि मिखदार कितनी होनी चाहिए। तमाम औलमा-ए-ईकराम ने इसकी तहकीक ये कि, कि 11 ग्राम और 625 मिलिग्राम ये एक तोले का वजन हुआ इस एतबार से 52.50 तोला चांदी तकरिबन 611 ग्राम होती है। (52.5 तोला * 11.625 ग्राम = 610.3125 ग्राम) तो जिसके पास 611 ग्राम चांदी या उतनी रकम मोजुद हो तो वो साहिबेनिसाब है और  Zakat अपने माल में से 2.5 फिसद दी जाती है।

Zakat  के बारे में बेहतर जानने के लिए अपने शहर के ओलमा-ए-ईकराम से जरूर बात करे क्योंकि  Zakat हर मुसलमान पर फर्ज है अगर इसमे हम गलती करेंगे तो गुनाह में शामिल होंगे।

Hajj (Five Pillars Of Islam)


5.   Hajj करना मुसलमान पर फर्ज है। अगर कोई मुसलमान इतनी दोलत रखता हो जिससे Hajj का खर्चा आसानी से उठा सके तो उस पर हज फर्ज हो जाता है। अगर कोई शारीरिक और आर्थिक रूप से Hajj करने मे सक्षम है तो उस पर Hajj फर्ज है।

5-Pillars-Of-Islam


मुसलमान को कम से कम एक बार अपने जीवनकाल में  Hajj करना चाहिए। Hajj इस्लमिक महीने धू अल हिज्जाह की 8 वीं तारीख से 12 वीं तारीख तक किया जाता है। जब तीर्थयात्री मक्का से लगभग 10 किमी दूर है, तो उसे इहराम के कपड़े पहनना चाहिए, जिसमें दो सफेद चादरें होती हैं।

हज के मुख्य अनुष्ठानों में काबा के चारों ओर सात बार घूमना, ब्लैक स्टोन को चुमन, माउंट सफा और माउंट मारवाह के बीच सात बार यात्रा करना और प्रतीक रूप से मीना में शैतान को पत्थर मारना शामिल है।

Hajj Kis Par Farz Hai

Hajj उस पर फर्ज है जो सफर के इखराजात (खर्चा) उठा सके। (यानि सफर में जितना पैसा लगता है उसका खर्चा उठा सके)

जितने दिनो तक वो इंसान घर से दुर रहे उतने दिनो तक वो अपने घरवालो के इखराजात (खर्चा) उठा सके।

सफर कि सहुबतो को बर्दाश्त कर सके और Hajj के अरकान को अदा करने की ताकत रखते हो। ऐसे लोगो पर हज फर्ज है।

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Five Pillars Of Islam In English


Rasoolullah Sallaahu Alaihi Wasallam said that the foundation of Islam has been established on 5 things.

  1. Shahadah (Faith)
  2. Salat (Prayer)
  3. Sawm (Fasting)
  4. Zakah (Almsgiving)
  5. Hajj (Pilgrimage)

Shahadah (Five Pillars Of Islam)


1.      Shahadah (Faith)         To testify that Allah is One and Rasoolullah Sallaahu Alaihi Wasallam is the prophet of Allah.

لَا إِلٰهَ إِلَّا ٱلله مُحَمَّدٌ رَسُولُ ٱلله

lā ʾilāha ʾillā llāh muḥammadun rasūlu llāh

I testify that there is only one God (Allah) and Muhammad Sallalahu Alaihi Wasallam is God's prophet.

Ash hadu alla ilaha illa Allah, wa ash hadu anna Mohammadan abduhu wa rasuluhu:- I testify and witness that there is no god worthy of being worshipped other than Allah and that Mohammad is His Messenger. You must say it and believe in it.

Salat (Five Pillars Of Islam)


2.      Salat (Prayer)     Salat is compulsory Islamic prayer that has to be established five times daily.To pray five times each day.

Fajr

Zuhr

Asr

Maghrib

Isha

Fazr is performed before the light of dawn, Dhuhr is performed when the sun starts to decline from its zenith, Asr is performed in the afternoon, Maghrib is the sunset prayer and Isha is the evening prayer.

Muslim must performed Wudu before prayer. Each prayer consists of a certain amount of rakaat. All of these prayers are recited while facing the Kaabah in Mecca.

Sawm (Five Pillars Of Islam)


3.      Sawm (Fasting)  To give up food and drink during daylight hours in the month of Ramadan.  Three types of fasting (Sawm) are ritual fasting, compensation or repentance and ascetic fasting.

Ritual fasting is an obligatory act from dawn to dusk during the month of Ramadan for every Muslim who has reached puberty. Fasting help to seek nearness to God. Also to atone for their past sins and to remind them of the poor and needy.

Those who are sick, elderly, or on a journey, and women who are menstruating, pregnant or nursing, are permitted to break the fast and make up an equal number of days later in the year if they are able and healthy.

Zakat (Five Pillars Of Islam)


4.      Zakat  (Almsgiving)     To give a share of personal wealth to help people in need and support the muslim community. Zakat is 2.5% of the person’s annual income.

Zakat is charged on every Muslim man and woman. Zakat is a part of the foundation of Islam, If a person is physically and financially capable, then zakaat is the duty.

Zakat has a duty on everybody, whether it is a man or a woman. Who has 52.50 Tola of silver or 7.50 Tola of gold, that is the sahibanisab. But at the time when this statement was made that time the price of silver and gold was equal.

If you have 52.50 tola silver instead you have 52.50 tola silver amount, then you have to pay Zakat and the Zakat is 2.5% on whole amount you have.

Hajj (Five Pillars Of Islam)


5.      Hajj (Pilgrimage)         It is necessary to make pilgrimage to Mecca at least once in our life, If he or she can afford it physically and financially. It is a pilgrimage that occurs during the Islamic month of Dhu al-Hijjah.

First of all when the pilgrim is around 10km from Mecca then he must dress in Ihram clothing. Which consists of two white sheets.

The main rituals of the Hajj include walking seven times around the Kaaba,, touching the Black Stone, traveling seven times between Mount Safa and Mount Marwah, and symbolically stoning the Devil in Mina.


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Friday, 19 April 2019

Durood Sharif Or Uski Fazilat


Durood Sharif  Or Fazilat

क्या दुरूद शरीफ पढने से अल्लाह तआला लाखो करोडो फरिस्ते पैदा करता है। और क्या वो फरिस्ते कयामत तक हमारे मगफिरत के लिए दुआ करते है?

Durood Sharif



आका फरमाते है कि अर्श के निचे एक फरिस्ता है। जिसका सर अर्श से लगा हुआ है और जिसके पैर तहतुस्सरा में है। जिसका एक बाजु मशरिफ कि तरफ है और दुसरा बाजु मगरिफ कि तरफ है।

Durood Sharif  की फज़िलत 🌷


जब कोई बंदा-ए-मोमिन आका पर मोहब्बत के साथ दुरुद (Durood Sharif) पढता है। तो अल्लाह उस फरिस्तो को हुक्म देता है कि वो नूर के दरिया मे गोता लगाये। तो फरिस्ता नूर के दरिया मे गोता लगाता है और बाहर आने के बाद अपने परो को झाडने लगता है।

मेरे आका सलल्लाहु अलैही वसल्लम फरमाते है। उसके परो से जितने नूर के कतरे गिरते है हर कतरे से अल्लाह फरिस्तो को पैदा फरमाता है। और जितने हजारो लाखो करोडो फरिस्ते पैदा होते है वो सब के सब कयामत तक के लिए उसका नाम लेकर मगफिरत कि दुआ करते हे। जिसके दुरुद पढने से वो फरिस्ते पैदा हुए है।

सहाबा का अकिदा Durood Sharif  को लेकर 🌷


एक मर्तबा का वाकिया है। हजरते उबैय इब्ने काब रदिअल्लाहु तआला अन्हु हुजुर सलल्लाहु अलैही वसल्लम कि बारगाह मे हाजिर हुए। और कहा या रसुलल्लाह मे चाहता हुँ कि में मेरे 24 घंटो के चार हिस्से करु और एक हिस्सा मे दुरुद शरिफ (Durood Sharif) पढता रहु। आका कैसा रहेगा?

सरकार फरमाते हे बहोत अच्छा है। अगर इसमे ज्यादती करो तो और बेहतर है।

अर्ज किया या रसुलल्लाह 24 घंटो के आधे हिस्से मे अब में आप पर Durood O Salam ही पढता रहुंगा।

आका फरमाते है बेहतर है। लेकिन इसमे और इजाफा करो तो अच्छा है।

अर्ज किया या रसुलल्लाह पौना हिस्सा Durood O Salam

आका फरमाते है बेहतर है। लेकिन और ज्यादा करो तो अच्छा।

अर्ज किया या रसुलल्लाह फर्ज नमाजो के बाद रात और दिन मे सिर्फ आप पर Durood O Salam पढुंगा।

आका फरमाते है कि अगर तुने ऐसा कर लिया तो अल्लाह तुझे दुनिया के गमो से भी आजाद कर देगा। और आखिरत के गमो से भी आजाद कर देगा।

इसीलिए प्यारे दोस्तो दुरुद शरिफ (Durood Sharif) पढने कि आदत डालो। और जब भी आका-ए-करीम सलल्लाहु अलेही वसल्लम का नाम आये तो बुलन्द आवाज से सलल्लाहु अलेही वसल्लम कह लेना चाहिए। क्योंकी आका फरमाते है कि सबसे बडा बखिल वो है। जिसके सामने मेरा नाम लिया जाए और वो दुरुद ना पढे।


Durood Sharif

Dua Or Durood Sharif 🌷


दुरुद शरिफ की बडी बरकते है। आका-ए-करीम सलल्लाहु अलैही वसल्लम फरमाते है कि अगर बंदा दुआ करे और दुरुद (Durood Sharif) ना पढे। तो उसकी दुआ जमीन और आसमान के दरमियान लटकती रहती है। और अगर कोई दुरूद पढ ले और दुरुद पढने के बाद दुआ करे। तो अल्लाह उसकी दुआ को जरुर कुबूल फरमाता है।

हजरत-ए-सयैदना कुतबुद्दिन बख्तियारे काकि रहमुल्लाह अलेह उस वक्त तक आराम नही फरमाते थे। जब तक कि 3000 मर्तबा दुरुद नही पढ लेते थे।

हुजुर फरमाते है। जो दुनिया मे जितना ज्यादा मुझ पर दुरुद पढेगा वो कयामत के दिन उतना ज्यादा मेरे करीब होगा।

आका फरमाते है जो मुझ पर एक मर्तबा दुरूद पढता है। अल्लाह उसको 10 नेकिया अता करता है। 10 गुनाह को मिटा देता है। और 10 दरजात को बुलन्द फरमा देता है।

Kya Aap 15 Minute Nahi De Sakte? 🌷


प्यारे आका के प्यारे दिवानो दुरुद (Durood Sharif) पढने की आदत डालो। और कम से कम 500 मर्तबा प्यारे आका पर दुरूद पढा करो। आज हम जानते है कि मशरुफियत का दोर है इसिलिए आप क़ाउन्टिग तश्बिह ले सकते है। और जब भी आपको समय मिले। दुरूद पढा करो। अगर हम पढे “सलल्लाहु अलैही वसल्लम” 500 मर्तबा तो लगभग 15 मिनट में आप ये दुरूद पढ सकते हो। आपके पास मे अगर ज्यादा समय बचे तो आप और ज्यादा पढो। किसी दिन आपके पास समय ना हो तो 300 मर्तबा पढो।

Durood E Ibrahim 🌷

ALLAHUMMA SALLI ALA MUHAMMADIW WA ALA AALI MUHAMMADIN KAMAA SALLAITA ALA IBRAHIMA WA ALA AALI IBRAHIMA INNAKA HAMIDUM MAJID. ALLAHUMMA BAARIK ALA MUHAMMADIW WA ALA AALI MUHAMMADIN KAMAA BAARAKTA ALA IBRAHIMA WA ALA AALI IBRAHIMA INNAKA HAMIDUM MAJID.


हम दावा करते है आशिक-ए-रसूल का क्या हम 1440 मिनट (मतलब एक दिन) मे से 15 मिनट मेरे और आपके आका को नही दे सकते? जिन्होने हम जेसे गुनहगारो के लिए दिन और रात रो-रो कर मगफिरत कि दुआ कि। जो हम मोमिनो कि जान हे। जो दोनो जहाँ के मालिक है। जो इस कायनात कि जान है। जो मोमिनो का इमान है, जो इमान का इमान है। जो सारे सरदारो का सरदार है। जो बादशाहो का बादशाह है। आज से और अभी से अपने आप से वादा कर लो दोस्तो कि हम Durood O Salam जरूर पढेंगे। अगर हम इस पर अम्ल करेंगे तो इंस्याअल्लाह अल्लाह हमारी दुनिया भी सवाँर देगा और आखिरत भी।

अल्लाह तआला कहने सुनने से ज्यादा अम्ल करने की तोफिक अता फरमाए। आमिन।



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Sunday, 14 April 2019

Islamic Hadees In Hindi । जमात के साथ नमाज़ पढ़ना

Islamic Hadees In Hindi बा-जमात नमाज नहीं पढ़ने पर आने वाली मुसीबते


अल्लाह के हबीब सलल्लाहु अलैही वसल्लम फरमाते है कि जो शख्श जमात के साथ नमाज (Namaaj) नही पढेगा अल्लाह उसको 12 मुसीबतो मे गिरफ्तार फरमायेगा।

मेरे आका फरमाते है कि उसको (जो जमात के साथ नमाज (Namaaj) नही पढेगा)
👉 3 मुसीबते वो हैं जिनमें वो दुनीया मे गिरफ्तार होगा।
👉 3 मुसीबते वो हैं जिनमें वो मरते वक्त गिरफ्तार होगा।
👉 3 मुसीबते वो हैं जिनमें वो कब्र में गिरफ्तार होगा।
👉 3 मुसीबते वो हैं जिनमें वो मेदान-ए-मेहसर में गिरफ्तार होगा।

Islamic-hadees-in-hindi


💢 नमाज (Namaaj) जमात के साथ ना पढने पर दुनीया में आने वाली 3 मुसीबते। 💢

👉 पहली मुसीबत वो कितना भी कमायेगा उसको कभी भी बरकत नही मिलेगी। (उसके रिज्क से बरकत उठा ली जायेगी।)
👉 दुसरी मुसीबत है कि उसके चेहरे से मोमीनो का नूर छिन लेता है।
👉 तीसरी मुसीबत उसको ये मिलेगी की अल्लाह के वलियो के दिलों में और मोमिनो के दिलो में उसके लिए नफरत पैदा  कर दि जाती हैं।

💢 नमाज (Namaaj) जमात के साथ ना पढने पर मरते वक्त आने वाली 3 मुसीबते। 💢

👉 पहली मुसीबत जब भी वो मरेगा तो वो प्यासा मरेगा।
👉 दुसरी मुसीबत मोत की तकलिफ उसकी बढ जाएगी।
👉 तीसरी मुसीबत जो जमात जानबुझ कर छोड देगा उसके ईमान को मोत के वक्त खतरा होगाा।

💢 नमाज (Namaaj) जमात के साथ ना पढने पर कब्र में आने वाली 3 मुसीबते। 💢

👉 पहली मुसीबत अल्लाह तआला उसके नकिरेन के सवालो को मुसकिल कर देगा।
👉 दुसरी मुसीबत ये होगी कि कब्र मे अंधेरा बढा दिया जायेगा।
👉 तीसरी मुसीबत ये होगी कि चारो तरफ से उसकी कब्र उसको दबायेगी। हत्तांकि उसकी पसलिया एक दुसरे से मिल जाएगी।

💢 नमाज (Namaaj) जमात के साथ ना पढने पर मैदान-ए-मेहसर में आने वाली 3 मुसीबते। 💢

👉 पहली मुसीबत ये होगी कि अल्लाह उससे हिसाब शख्ती से लेगा।
👉 दुसरी मुसीबत ये होगी कि अल्लाह उससे नाराज होगा।
👉 तीसरी मुसीबत ये होगी कि अल्लाह उसपे निगाहे करम नही फरमायेगा।



अल्लाह तआला कहने सुनने से ज़्यादा अम्ल करने की तौफ़ीक़ अता फरमाए। और हमें हमेशा जमात के साथ नमाज़ पढ़ने की तौफ़ीक़ अता फरमाए। आमीन। 🤲


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Tuesday, 9 April 2019

Islamic hadees in hindi | (बेनमाजी पर दुनिया में आने वाली छह मुसीबते।)

Islamic hadees in hindi | (बेनमाजी पर दुनिया में आने वाली छह मुसीबते।)


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अल्लाह के हबीब सलल्लाहु अलैही वसल्लम ने फरमाया जो नमाज को तर्क करेगा उस पर पहली मुसीबत ये आती है कि अल्लाह उसकी उम्र को मुख्तसर (कम) कर देता है। (नमाज की बरकत से अल्लाह तआला उम्र को बढाता है।)

दुसरी मुसीबत उस पर ये आती है की उसके चेहरे से सालिहीन का नूर उठ जाता है।

तीसरी मुसीबत उस पर ये आती है की उसको दुसरी बरकतो का सवाब नही मिलता। (जो नमाज को छोड कर कोई भी नेकी करे तो उसको उसकी बरकतो का सवाब नही मिलता।)

Islamic hadees in hindi

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Islamic hadees in hindi


चोथी मुसीबत उस पर ये आती है की वो जो भी दुआ करता है वो जमिन और आसमान के दरमियान लटक जाती है।

पाँचवी मुसीबत उस पर ये आती है की बेनमाजी को नेक इंसानो कि दुआओ से भी कोई हिस्सा नही मिलता।

छठी मुसीबत उस पर ये आती है की उसकी रोजी से बरकत उठा ली जाती है।

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Tag-: hadith Collection, Islamic hadees in hindi, namaj, ummat e nabi, 

Monday, 8 April 2019

Islamic hadees in hindi | प्यारे नबी कि प्यारी सुन्नते

Islamic hadees in hindi | हुजुर फरमाते है जो मेरी सुन्नत पर अम्ल ना करे। वो हममे से नही है।

(अल्लाहु अकबर)

Islamic hadees in hindi


हुजुर अलैही सलाम की सुन्नत पर अमले करने से नुकसान हो ही नही सकता। हमेशा फायदा ही फायदा है।

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हुजुर की सुन्नतो कि दो किस्मे बयान कि जाती है।

सुन्नत ए मोअकिदा और गैर मोअकिदा

अगर कोई इंसान सुन्नत ए मोअकिदा पर अम्ल ना करने का आदि हो जाये, तो वो गुनहगार होता है। और हुजुर अलैही सलाम कि वो सुन्नते जिनहे हम गैर मोअकिदा कहते है उसको भी जानबुझ कर तर्क करना, ये इश्क और मोहब्बत के खिलाफ है। इसीलिए कि जो मोहब्बत कि राह है वो बहोत बुलंद राह है। और हुजुर सलल्लाहु अलैही वसल्लम के सहाबा सरकार की सुन्नतो पर अम्ल करते थे। और आज हम सुन्नतो से कोसो दुर है।

Islamic hadees in hindi


दाढी रखना सुन्नत है। (आका फरमाते है जिसके चेहरे पर दाढी ना हो मुहम्मद उसका चेहरा देखना भी गवारा नही करता।) (ऐ मुसलमानो कब्र में जब आका आयेंगे और उन्होने अगर अपना चेहरा फेर लिया दाढी ना होने की वजह से तो कहा जाओगे।)

बेठ कर पानी पिना और खाना खाना सुन्नत है। (आज लोग नबी कि सुन्नतो से दुर हो गये है लोग खडे खडे पानी पिते है और खाना खाते है।)

Islamic hadees in hindi


हुजुर के जैसा लिबास पहनना।

जुतो को पहनने से पहले उसको झटक लेना चाहिए।

जुता और चप्पल पहले सिधे पैर मे पहनना चाहिए।
और उतारते वक्त पहले उलटे पैर से निकाले फिर सिधे पैर से।

मस्जिद से निकलते वक्त पहले उल्टे पैर को बाहर रखे।

हुजुर सोने से पहले वुजु करते थे और सुरमा लगाकर सोते थे।

Islamic hadees in hindi


आज लोग कहते की मुह से बदबू आती है। आका कि जो सुन्नत है हम उस से लाखो कोसो दुर है। हर वुजु से पहले मिसवाक सुन्नत ए मोअकिदा है। अगर ईन्सान रोजाना मिसवाक करे वुजु से पहले तो जो मुह कि बदबू वाला मामला है वो दुर हो जाएगा। इन्स्या-अल्लाह
अगर कोई सर के दर्द मे मुबतला है तो वो मामला भी दुर हो जाएगा। इन्स्या-अल्लाह

इंसान के सिने मे जो कफ जमता है इन्स्या-अल्लाह मिसवाक की बरकत से वो भी दुर हो जाता है।

आका ने फरमाया जो मिसवाक करने का आदी होगा तो जब मोत आएगी तो वो कलमा पढते पढते ईमान पर जाएगा।

Islamic hadees in hindi


जितनी सुन्नते याद है उन पर अम्ल किया करो दोस्तो। हमारे रशूल ने फरमाया जब मेरी सुन्नत को मिटाया जा रहा हो,, खत्म किया जा रहा हो। उस वक्त जो मेरी एक सुन्नत पर अम्ल करेगा, अल्लाह उसे सो शहिदो के बराबर सवाब अता फरमायेगा।

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Saturday, 6 April 2019

Islamic hadees in hindi (आज हर घर मे मुसीबतो कि आग क्यो लगी है?)


Islamic hadees in hindi


मेरे आका सलल्लाहु अलैही वसल्लम कि एक हदीस है जो कि बुखारी शरीफ मे मोजुद है। एक मर्तबा का वाकिया हे अल्लाह के हबीब, मेरे और आपके आका, सलल्लाहु अलैही वआलिही वसल्लम इर्शाद फरमाते है। मेरा दिल ये चाहता हे कि मे किसी को कहु वो अजान दे और किसी को कहु कि वो नमाज पढा दे। में मदिने कि गली कुचो मे निकल जाऊ और उन घरो को आग लगा दु जिस घरो के लोग मस्जिद मे नमाज पढने ना आए। आका फरमाते हे उन घरो को आग लगा दु जिस घरो के लोग मस्जिद मे नमाज पढने ना आए हो। यानी आका उनके घरो को आग लगाना चाहते है। जिस घर के लोग मस्जिद मे नमाज पढने के लिए नही आये हो। 

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मेरे आका सलल्लाहु अलैही वसल्लम के दिवानो इस हदीस को समझने के लिए हमे दुसरी हदीस को देखना होगा। आका फरमाते हे मेरा दिल ये चाहता है उनके घरो को आग लगा दु जिस घरो के लोग मस्जिद मे नमाज पढने ना आए हो। इसका क्या मतलब हे? 

उम्मुल मोमिनिन अम्मा जान आयशा सिद्दीका सलामुल्लाहा अलैहा इर्शाद फरमाती है कि मे देखती हु कि अल्लाह अपने नबी कि चाहत को पुरा करने मे बहोत जल्दि करता है। बहोत उजलत से काम लेता हे। यानि नबी जो चाहते हे अल्लाह ताआला उसको फोरन पुरा कर देता है। जेसे मिसाल के तोर पर हुजुर ने चाहा कि किबला बदल जाए तो अल्लाह ने किबला बदल दिया। बल्कि केसे बदला। 

हुजुर ने चार रकात कि नियत की है। आका अलैही सलाम ने चार रकात कि नियत करके निगाहे आसमान की तरफ उठायी फिर निचे किया और फिर उठायी फिर निचे किया। अभी दो रकात मुकम्मल हुई थी और दो रकात बाकी थी। अल्लाह ने जिबरील से कहा। जिबरील सिदरा पे रहने का वक्त नही है। मेरा हबीब निगाहे आसमान की तरफ उठा रहा है जाओ और कहो कि किबला बदला जाता है। अल्लाह तेरी नमाज तो पुरी होने दे तो कुदरत का मुनादी आवाज देगा। बंदो अब खुदा की नमाज बाद मे मुकम्मल होगी पहले महबुब कि चाहत पुरी कि जायेगी। (अल्लाहु अकबर) 

मेरे आका अलैही सलाम के दिवानो ये अपने नबी कि शान हे। उम्मुल मोमिनीन फरमाति है। अल्लाह अपने महबूब कि चाहत को पुरा करने मे बहोत जल्दी करता है।

अब हुजुर फरमाते हे में ये चाहता हूँ उनके घरो को आग लगा दु जिस घरो के लोग मस्जिद मे नमाज पढने के लिए ना आए। हुजुर ने चाहा, लेकिन उन्होने आग नही लगाई। वो रहमुतुल-लिलआलमिन है। वो आग लगाने नही आग भुजाने आए थे। वो तो आग मे बाग लगाने आए थे। लेकिन हुजुर ने फरमाया मेरा दिल ये चाहता है जिस घर के लोग मस्जिद मे नमाज के लिए नही आए, मे उन घरो को आग लगा दुँ। 

हुजुर ने चाहा और अल्लाह महबुब कि चाहत को पुरा करने मे बहोत जल्दि करता है। हुजुर ने चाहा आग लगाना और अल्लाह ने आग लगा दी। 

जल रहे है घर आग दिखती नही जलते सब है। बाप बेटे मे नही जमती ये आग नही तो और क्या है। बेटा बाप को आंखे दिखा रहा है ये आग नही तो और क्या है। बेटा बुढे माँ बाप को छोड कर भाग रहा है ये आग नही हे तो और क्या है। बेटियो के लिए अच्छे रिश्ते नही आते ये आग नही तो और क्या है। लाखो कमा रहे हे लेकिन बरकत नही हे ये आग नही हे तो और क्या है। बिस्तरो पर करवटे बदल रहे हे सुकुन कि निंद नही आती ये आग नही तो और क्या है। 

इस आग को भुजाने का तरीका यही है कि तुम अल्लाह की बारगाह मे सजदे करके नबी की आंखो मे ठंडक पहुँचाओ। अल्लाह तुम्हारे घरो की आग को भुजा देगा।

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Thursday, 4 April 2019

Islamic hadees in hindi | (तु गुनाह से बचने कि कोशिश तो कर मेरा अल्लाह तुझे गुनाहो से बचा लेगा।)


Islamic hadees in hindi


आका अलैही सलाम के दिवानो इमाम याफयी लिखते है एक बुर्जुग ऐसे थे जिनकी कब्र से आज तक खुशबू आती है। (उन्होने ये बात अपने दोर मे लिखी थी) कि आज तक उनकी कब्र से खुशबू आती है। (क्यो खुशबू आती है?)

वजह ये थी कि वो जवान, जवानी कि दहलिज पर कदम रखा। बडे खुबशूरत बडे हशीन और जमिल थे। कपडे की दुकान पर मजदुरी करते थे। एक मालदार औरत कपडे की दुकान से गुजरी इन पर नजर पडी। वो फरेबता हो गयी। उसने प्लान बनाया मुझे इस लडके के साथ बदफेली (जिना) करना है। इस तसव्वुर के साथ वो घर गयी और अपनी कनीज को कहा। जाओ कपडे के थान के बहाने उस नोजवान को लेकर आओ।

Islamic hadees in hindi


जब वो जवान आया और अंदर दाखिल हुआ तो दरवाजे पर दरवाजे बंद कर दिये गये। और जब दरवाजे बंद हो गये तो उस वक्त उसने थान फेंके और कहा देखो कितना अच्छा कपडा है। लडकी ने कहा मेरे जान कपडे से ज्यादा खुबसूरत तो तु है।

नोजवान ने कहा क्या बकती हो? लडकी ने दामन पकडा और कहा सारे दरवाजे बंद हे अब तुझे मेरे साथ जिना करना होगा। इसीलिए तुझे बुलाया है। अगर तु ऐसा नही करेगा तो मे तुझे जलिल कर दुंगी। या तो तु जलिल होजा बस्ती मे या फिर जिना कर ले।

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उसने सोचा दो चिजे है। एक इज्जत पर बात आती है। यानी बंदो के दर्मियान जलिल होना। और एक अल्लाह की बारगाह मे जलिल होना। उसने सोचा क्या करे दोनो से बचना है।

उसने कहा एक काम करते है। मुझे इसतंजा की हाजत है। पहले इसतंजा करने दे फिर बाद मे जो होगा वो होगा। उसने सोचा की इतना वक्त तो मिलेगा कि मुझे कुछ करना है। उसने कहा कि मे तुझे बाहर नही जाने दुंगी। मेरे घर की छत पर इसतंजा खाना मोजुद है। वो उपर गया और दरवाजा बंद किया सोचने लगा कि क्या करु। गंदगी अंदर थी उसने सोचा इस लडकी को मेरी सफेद जिल्द से मोहब्बत है। मेरे जिस्म की खुसबू से मोहब्बत है। क्यो ना एक काम करु अगर हम गुनाह का धब्बा दामन पर लगा देंगे सात समुंदरो का पानी भी उसको धो नही सकता। और अगर हम गन्दगी बदन पर मल ले। तो पानी से धोया जा सकता है।

Islamic hadees in hindi


उसने निकाली गंदगी और बदन पर मलना शुरु किया। और जब वो गंदगी मल कर बाहर आया तो पुरा जिस्म बदबू मार रहा था। लडकी चिल्लाने लगी। पागल पागल। और उसने जल्दी से दरवाजे खुलवा दिये और कहा निकल यहां से।

वो निकल कर वहा से भागे और भागने के बाद घर गये और गुश्ल किया, खुशबू लगायी और दो रकात नमाज पढी। और कहा अल्लाह तेरा शुक्र है कि तुने मुझे इतने बडे गुनाह से बचा लिया। और बेठ कर के रो रहे थे। अगर मे इस गुनाह से ना बचता तो अंजाम क्या होता। रोते रोते आंख लगी और जेसे ही आंख लगी तो देखा एक खुबसूरत बुजुर्ग उसके ख्वाब मे तशरिफ लाए और सलाम किया। उस जवान ने कहा आप कोन है बुजुर्ग। आने वाले ने कहा मे युसुफ सिद्दिक हु।
याकुब अलैह सलाम का बेटा युसुफ हु। तो फोरन उनकी (उस जवान) जुबान पर आया की आपका वाकिया कितना अजिब है जलि खाने आपको गुनाह की तरफ बुलाया लेकिन आप ना गये उसकी तरफ। हजरत युसुफ ने ख्वाब मे जवाब दिया मेरे वाकिए से ज्यादा अजीब तो तेरा वाकिया है।

और अल्लाह ने तेरे गुनाह से बचने के जसबे को पसंद किया और अल्लाह ने मुझे तेरे ख्वाब मे भेजा। तुने गुनाह से बचने के लिए बदन पे गंदगी मली है। बदबु मला है। मेरे करीब आ मे अपना हाथ फैर कर तेरे बदन को खुशबू से मोहत्तर कर दु।

ईमाम याफयी फरमाते है हजरत ए युसुफ अलैही सलाम ने जेसे ही उसके बदन पर हाथ लगाया उसका जिस्म महका। आखिरी दम तक जिस्म महकता रहा। इंतकाल हुआ तो कफन महका और इंतकाल के बाद जब कब्र मे रखा गया तो उसकी कब्र भी महकी।

Islamic hadees in hindi


ये हें नेकियो कि बरकत। आओ मुसलमानो गुनाहो से सच्ची तोबा कर लो।

दोस्तो इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करे। अल्लाह ताआला कहने, सुनने से ज्यादा अम्ल करने की तौफिक अता फरमाये। आमीन।

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Wednesday, 3 April 2019

Islamic hadees in hindi (वो क्या है जिसको करने से पुरी रात इबादत करने का सवाब मिलता है?)



Islamic hadees in hindi


अल्लाह के हबीब मुहम्म्द मुस्तफा सलल्लाहु तआला अलैही वसल्लम एक रास्ते से तशरिफ ले जा रहे है। वहा एक टुटा-फुटा झोपडा है और उस झोपडे से किसी के करहाने की आवाज आ रही है। जब किसी के करहाने की आवाज आयी तो अल्लाह के हबीब गैब का नबी सलल्लाहु तआला अलैही वसल्लम ने पुछा आखिर ये करहाने की आवाज किसकी आ रही है। (अल्लाहु अक्बर)

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सहाबा ने अर्ज किया या रशूलल्लाह इस झोपडे के अंदर अबु जहल का एक यहुदि गुलाम रहता है और वो इस वक्त बिमार है|

(अल्लाहु अक्बर) मेरे आका जिस काम के लिए तशरिफ ले जा रहे थे। अल्लाह के हबीब ने उस काम को छोड दिया और अपने सहाबा को लेकर हुजुर उसके झोपडे मे तशरिफ ले गये। और उसके सरहाने बेठे जो अबु जहल का गुलाम था। मेरे सरकार ने उसका मजहब नही देखा। बल्कि उसकी पेशानी पर हाथ रखा। इसलिए की हमारे आका सिर्फ मुसलमानो के लिए नही आये। हमारे आका तो हर इंसान के लिए आये। हुजुर सब के लिए रहमत बनकर आये।

(अल्लाहु अक्बर) मेरे आका ने पेशानी पर हाथ रख कर कहा केसे हो?

उसने कहा कि ए मोहम्मद मे अबु जहल का गुलाम हु। जब तक मेरे अंदर काम करने कि ताकत थी उस जालिम ने मुझ से काम लिया।और अब हाल ये हे बिमार पड गया हु तो उसने मुझे छोड दिया हे। अब मेरे लिए कोइ इंत्जाम नही है।

Islamic hadees in hindi


(अ‍ल्लाहु अक्बर) ये कहकर वो रोने लगा और कहने लगा हाये मुझे सबने जाय कर दिया। जिस वक्त उसने ये कहा तो मेरे आका सलल्लाहु तआला अलैही वसल्लम कहते है मगर मुहम्मद तो तेरे सरहाने मोजुद है। वो जब जब कहता मुझे सबने जाय कर दिया आका कहते मुहम्मद तो तेरे सरहाने मोजुद है। उसको तसलिया देते रहे, देते रहे, देते रहे। हत्तांकि उसकि आंख लग गयी।

हुजुर उठ कर के वहां से निकले सहाबा ने अर्ज किया या रशूलल्लाह हमारे मां बाप आप पर कुर्बान वो अबु जहल का गुलाम हे यहुदि है और आपने काम छोड कर उसके सरहाने इतना वक्त दिया।

मेरे आका इर्शाद फरमाते है बिमार के सरहाने चंद लमहात बेठ जाना पुरे रात इबादत करने से बेहतर है।

Islamic Hadees in hindi


ऐ मेरे दोस्तों इसको ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करें ताकि जो हमारे नबी कि सीरत भूल गए है उन सबका ईमान ताज़ा हो जाए। 

अल्लाह ताआला कहने, सुनने से ज्यादा अम्ल करने की तौफिक अता फरमाये। आमीन।


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Tuesday, 2 April 2019

Islamic hadees in hindi (वो कोनसी औरत है जिन पर अल्लाह ने जन्नत कि खुशबू भी हराम की हे?)

Islamic hadees in hindi


हमारे प्यारे आका और अल्लाह के प्यारे रशूल मुहम्म्द मुस्तफा सलल्लाहु तआला अलैही वसल्लम ने फरमाया मेने दो किस्म की औरतो को जहन्नूम के अंदर देखा है। लेकिन मे उन औरतो को दुनिया मे नही देखुंगा मेरे बाद लोग दुनिया में उनको देखेंगे?

हदीस-ए-पाक का मफहुम हे सहाबा ने पुछा या रशूलल्लाह जो दो किस्म की औरतो को आपने जहन्नूम मे देखा हे और दुनिया में नही देखेंगे आप के बाद लोग देखेंगे वो कोन है?

मेरे आक़ा फरमाते हे एक औरत वो हे जो कपडे पहनकर भी नंगी रहेगी , ऐसी औरत को मेंने जहन्नुम मे देखा हे लेकिन मे दुनिया मे उसको नही देखुंगा।

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सहाबा को ताअजुब हुआ या रसूलल्लाह ऐसे केसे हो सकता है? मेरे आक़ा ने फरमाया वो इतने बारीक और पतले कपडे पहनेगी, की कपडे पहनने के बाद भी उनका जिस्म नजर आयेगा। इतने बारीक दुपट्टे होंगे के सर की स्याही नजर आयेगी। इतने बारीक और तंग कपडे होंगे की कपडे पहनने के बाद भी जिस्म की रंगत झलकती हुई नजर आयेगी। मेरे प्यारे आका के प्यारे दिवानो, आकाये करीम फरमाते हे (हदिसे पाक का मफहुम हे) जब ऐसी औरतो को देखो तो
समझ लेना की इन पर अल्लाह ने जन्नत की खुशबू भी हराम की है।

दुसरी औरत के बारे मे मेरे आका ने फरमाया उसके सिर पर बुख्ति उंट की कुहान (जेसे सर पर बालो का जुडा) की तरह एक चोटी (जुडा) होगी और वो ऐसे मटक मटक कर चलेगी की जेसे उंट की कुहान।

Islamic hadees in hindi


दोस्तो इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करे क्योंकि आप ही बताये जब ऐसी औरतो को इल्म होगा तो क्या वो ऐसा गुनाह करेगी? अल्लाह ताआला कहने, सुनने से ज्यादा अम्ल करने की तौफिक अता फरमाये। आमीन।

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